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इंसान हूँ मैं ....

इंसान हूँ मैं लेकिन  फिर भी क्यों निर्मम बन जाता हूँ,  नफ़रत के सागर में  न जाने कितने गोते लगाता हूँ। ममता ,विवेक ,दया और प्रेम  ...

बुधवार, 28 दिसंबर 2016

नव वर्ष




बीतने  वाला  है  वर्ष  2016

आने  वाला   है  वर्ष   2017

कोई  संकल्प  लेगा

कोई  कसमें  खायेगा

यों  ही  एक और   कलेंडर   बदल  जायेगा.

नव बर्ष    की   मंगल कामनायें!