इंसान हूँ मैं लेकिन फिर भी क्यों निर्मम बन जाता हूँ, नफ़रत के सागर में न जाने कितने गोते लगाता हूँ। ममता ,विवेक ,दया और प्रेम ...
एक साल गया एक चला ऐसे ही दुनिया चलती है . .. आपको भी सपरिवार नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं
नव वर्ष की शुभकामनायें.क्षमा चाहती हूँ आपकी स्नेहभरी प्रतिक्रिया पर सालभर बाद कुछ कहने आई हूँ.अब कोशिश होगी निरंतरता की.
एक साल गया एक चला
जवाब देंहटाएंऐसे ही दुनिया चलती है
. ..
आपको भी सपरिवार नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं
नव वर्ष की शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंक्षमा चाहती हूँ आपकी स्नेहभरी प्रतिक्रिया पर सालभर बाद कुछ कहने आई हूँ.
अब कोशिश होगी निरंतरता की.